मिथिला विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह 26 गोल्ड मेडल, 1200 छात्र-छात्राओं को डिग्री
- 26 गोल्ड मेडलिस्ट, 80 पीएच.डी. प्राप्तकर्ता
- राज्यपाल की अध्यक्षता में डॉ. नागेन्द्र झा स्टेडियम
- पूर्व कुलपतियों को Doctor of Science की मानद उपाधि
RxTv भारत ,ब्यूरो दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के 11वें दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन डॉ. नागेन्द्र झा स्टेडियम में बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। समारोह में कुल 26 गोल्ड मेडलिस्ट (25 टॉपर + 1 ओवरऑल टॉपर), लगभग 80 पीएच.डी. उपाधिधारी और करीब 1,200 छात्र-छात्राओं को डिग्रियाँ प्रदान की गईं।
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दीक्षांत वक्ता के रूप में शिक्षा-संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव डॉ. अतुल कोठारी उपस्थित रहे। समारोह के सम्मानित अतिथि थे प्रो. टी. एन. सिंह (निदेशक, IIT पटना) और विशिष्ट अतिथि थे राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल. चोंग्थु।
समारोह की शुरुआत एक भव्य विद्वत शोभा यात्रा से हुई, जिसमें कुलाधिपति, कुलपति, पूर्व कुलपति, कुलसचिव, संकायाध्यक्ष, सीनेट-सिंडिकेट तथा विद्वत परिषद् के सदस्य शामिल थे। राष्ट्रगान, विश्वविद्यालय कुलगीत और कन्वोकेशन बैंड की प्रस्तुतियाँ विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा दी गईं।
मुख्य कन्वोकेशन का संचालन कुलसचिव डॉ. दिव्या रानी हांसदा ने किया, जबकि अन्य कार्यक्रम डॉ. प्रियंका राय, डॉ. रश्मि कुमारी और नेहा कुमारी ने संयोजित किए। इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. राजमणि प्रसाद सिन्हा को भौतिकी क्षेत्र में और प्रो. समरेन्द्र प्रताप सिंह को चिकित्सा क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि के लिए Doctor of Science की मानद उपाधि प्रदान की गई।
दीक्षांत वक्ता डॉ. अतुल कोठारी ने अभिभावकों और शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह दिन छात्र जीवन का स्वर्णिम क्षण है और शिक्षा का असली उद्देश्य चरित्र-निर्माण तथा व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में कौशल, कला, संस्कृति और खेल को दिए गए महत्व पर भी प्रकाश डाला।
सम्मानित अतिथि प्रो. टी. एन. सिंह ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं बल्कि समाज के लिए अच्छे नागरिक और नैतिक व्यक्तित्व तैयार करना है।
कार्यक्रम की सफलता में विश्वविद्यालय पदाधिकारी, कर्मचारी, WIT के शिक्षक व छात्रा, 60 NCC कैडेट्स और 40 NSS स्वयंसेवकों का उल्लेखनीय योगदान रहा। एनएसएस समन्वयक डॉ. आर. एन. चौरसिया तथा डॉ. प्रियंका राय के निर्देशन में आयोजन सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ।


